निगाहो का वार
जब निगाहो का वार होता है
जिस्म अक्सर शिकार होता है
चैन आता नहीं कहीं पर भी
तीर जब दिल के पार होता है
मांगते हैं तुझे दुआओ मे
ख्वाब जब तार तार होता है
नींद आती नहीं इन आखों में
बस तिरा इन्तज़ार होता है
देखती हूँ मैं आइना जब जब
अक्स मैं सिर्फ यार होता है
अनुपमा दीक्षित मयंक