गीत/नवगीत

राधे श्याम और व्रन्दावन

व्रन्दावन में देखो कान्हा राधा तुमको ढूंढ रही
क्रष्ण नाम की माला जपते गलियां गलियां घूम रही ।
तुमसे करती अरज यही बस एक बार फिर आ जाओ ।
राह तुम्हारी तकते तकते जख्म लिये नित झूम रही ।1

तेरे खातिर मात पिता से हर बन्धन को तोड़ दिया ।
तेरी होकर रही हूँ बस मैं तुमको खुद से जोड लिया ।
जीवन का आधार बने सांसो को तुम पर वारा है ।
तुमको सबकुछ माना मैंने दुनिया से मुख मोड लिया । 2

आ जाओ इक बार लौटकर और करो मुझको स्वीकार ।
तेरे बिना नही भाता कुछ खुद पर रहा नहीं अधिकार ।
प्रीति की रीति निभाने आजा विरह में तडपू मै दिन रात ।
तुम ही आशा तुम ही निराशा तुम बिन ये जीवन बेकार ।3

अनुपमा दीक्षित मयंक

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - adixit973@gmail.com