गीत/नवगीत

हार जीत की प्रीत

हार किसकी हुई जीत किसकी हुई ।
जाना कोई नहीं प्रीत किसकी हुई ।
कोइ राधा बनी कोई मीरा हुई ।
बनकर वो एक नदी लीन सागर हुई ।
चलते राहो में वो सबसे कहती हुई ।
हार किसकी …………………
जीत किसकी …………………
नैन मे स्वप्न वो एक बुनती हुई
प्रीत की रीति को वो निभाती हुई
प्रेम के गीत को गुनगुनाती हुई
और तिमिर को उजाला बनाती हुई

हार किसकी ………………
जीत ………………………
बनकर जोगन सी धूमि रमाए हुई
ह्रदय श्याम को है बसाए हुई
आस हर पल मिलन की जगाए हुई
लाल चुनर में खुद को सजाए हुई।
हार किसकी ………………
जीत ………………………

अनुपमा दीक्षित “मयंक “

अनुपमा दीक्षित भारद्वाज

नाम - अनुपमा दीक्षित भारद्वाज पिता - जय प्रकाश दीक्षित पता - एल.आइ.जी. ७२७ सेक्टर डी कालिन्दी बिहार जिला - आगरा उ.प्र. पिन - २८२००६ जन्म तिथि - ०९/०४/१९९२ मो.- ७५३५०९४११९ सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन छन्दयुक्त एवं छन्दबद्ध रचनाएं देश विदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रो एवं पत्रिकाओ मे रचनाएं प्रकाशित। शिक्षा - परास्नातक ( बीज विग्यान एवं प्रोद्योगिकी ) बी. एड ईमेल - [email protected]