शब्द कथा
……………… गिरमिटिया …………..
जनवरी 2013 में जब मारीशस के राष्ट्रपति श्री कैलाश पुरयाग अपने भारत दौरे पर आए थे तो उन्होने अपने पुरखों के गाँव वाजितपुर, पटना का भी दौरा किया था। उस समय एक शब्द ‘गिरमिटिया’ सुना गया था। आइये देखते हैं कि इस शब्द की क्या कहानी है।
गिरमिटिया शब्द गवर्न्मेन्ट से निकला हुआ एक बिहारी अपभ्रंश है। गन्ना खेती के लिये अंग्रेज़ ‘गौरमिन्ट’ ठेके पर मजदूरों की भर्ती करती थी और उन्हें मारीशस, वेस्ट इंडीज़ के देश (जमैका, बारबाडोज़, त्रिनीडाड, टोबैगो, एंटीगुआ आदि) और अपने अफ्रीकी उपनिवेशों में भेजती थी। इन ‘गौरमिन्टिया’ मजदूरों को वहाँ की नागरिकता इसलिये प्रदान की जाति थी कि ये लोग स्थायी रूप से वहाँ काम कर सकें। कालांतर में ये ‘गिरमिटिया’ उन देशों का अभिन्न अंग बन गये।
श्री पुरयाग और उनसे पहले श्री अनिरुद्ध जगनाथ कुछ ऐसे ही गिरमिटिया की संतान हैं जो अपनी सफलता की पराकाष्ठा तक पहुँचे।