ऋषि भक्त और समर्पित जीवन यशस्वी स्वामी इन्द्रवेश जी
ओ३म्
कल दिनांक 3 जून, 2016 को देहरादून स्थित गुरुकुल पौंधा में पण्डित धर्मपाल शास्त्री जी से स्वामी इन्द्रवेश जी (1937-2006) के जीवन और कार्यों पर चर्चा हुई। उनसे जो सक्षिप्त जानकारी मिली उसके अनुसार स्वामी इन्द्रवेश जी मृदुल स्वभाव वाले उच्च कोटि के वैदिक वांग्मय के विद्वान थे। वह वैदिक आर्ष व्याकरण एवं दर्शनों के उच्च कोटि के विद्वान थे। स्वामी जी का यह भी प्रमुख गुण था कि वह अपने से शत्रुता रखने वाले व्यक्तियों के प्रति कभी गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करते थे। अपने मित्रों व सहयोगियों को कहते थे कि सब ठीक हो जायेगा। आपने रोहतक को अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाया था।
आप रोहतक से श्री जयप्रकाश नारायण व श्री मोरारजी देसाई के नेतृत्व में गठित जनता पार्टी से रोहतक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए थे। आपको पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरणसिंह जी ने सांसद के प्रत्याशी का निकट दिया था। आप गुरुकुल झज्जर और गुरुकुल सिरसागंज में पढ़े थे और गुरुकुल झज्जर में आपने पढ़ाया भी था। हरयाणा में गठित राजनैतिक दल आर्यसभा के आप प्रमुख नेता थे। स्वामी इन्द्रवेश जी और स्वामी अग्निवेश जी परस्पर घनिष्ठ मित्र व सहयोगी रहे। हमें अनेक बार आर्यसमाज के कार्यक्रमों में उनके दर्शन करने, प्रवचन सुनने और कुछ आर्यों से बातचीत करते हुए उन्हें देखने व सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। दिल्ली के ताल कटोर स्टेडियम में स्वामी अग्निवेश जी द्वारा लगभग सन् 1994 में आयोजित आर्य सम्मेलन में भी हमें उनके दर्शन करने व उन्हें पास से देशने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इन पंक्तियों के लिखे जाते समय हमारी आंखों के सामने स्वामी इन्द्रवेश जी की भव्य मूर्ति व प्रभावशाली व्यक्तित्व उपस्थित है।
–मनमोहन कुमार आर्य
प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर प्रेरक प्रसंग हमारे साथ साझा करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार.
नमस्ते एवं हार्दिक धन्यवाद बहिन जी। आपने लेख को पसंद किया इससे प्रसन्नता हुई। सादर।