ग़ज़ल
बेवजह यूं तो न रहिए उदास।
कह भी दीजिए वो बातें खास।
यकीं न हो गर उल्फत का तो
कुछ पल तो बैठिए हमारे पास।
खता तो हमने कोई नहीं की
कभी तो समझिए हमारे एहसास।
बेवजह यूं तो न रहिए उदास
कह भी दीजिए वो बातें खास।।।
कामनी गुप्ता ***
बेवजह यूं तो न रहिए उदास।
कह भी दीजिए वो बातें खास।
यकीं न हो गर उल्फत का तो
कुछ पल तो बैठिए हमारे पास।
खता तो हमने कोई नहीं की
कभी तो समझिए हमारे एहसास।
बेवजह यूं तो न रहिए उदास
कह भी दीजिए वो बातें खास।।।
कामनी गुप्ता ***