यह दुनिया रंग मंच है…
यह दुनियां रंग मंच है, किरदार है हम सारे।
करना है वही हाल, लिखा है जो उसने प्यारे॥
नियति ने सब तय किया यहाँ, कब किसका कैसा रोल कहाँ।
किसकी कितनी कीमत होगी, और किसका कितना मोल यहाँ॥
वो रखता नाप तोल सबकी, कब कितना देना रे …
करना है वही हाल, लिखा है जो उसने प्यारे……
नायक कोई खलनायक है, नालायक कोई लायक है।
कोई दर दर ठोकर खाता, कोई जग का अधिनायक है॥
कोई दुख दर्द का मारा है, कोई भोगे सुख सारे…..
करना है वही हाल, लिखा है जो उसने प्यारे….
सनुबंधो से अनुबंधित है, कोई घृणित है कोई वंदित है।
कोई दुख दरिया में डूबा, कोई सुख सागर आनंदित है॥
उसने सब सोच विचार दिया, किसके हिस्से क्या रे…..
करना है वही हाल, लिखा है जो उसने प्यारे….
जिसको जैसा किरदार दिया, सब कर्मों के अनुसार दिया।
मरकर भी कोई जिंदा है, कोई जीते जी मार दिया॥
कोई भव सागर तार दिया, और कोई डूबा रे…..
करना है वही हाल, लिखा है जो उसने प्यारे….
सतीश बंसल