सेवाभाव का सलीका
डॉक्टर्स डे पर विशेष
आज डॉक्टर्स डे है. महान भारतीय चिकित्सक डॉ. बिधानचंद्र राय के जन्म दिवस एक जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. उनकी ख्याति एक शिक्षक एवं चिकित्सक के रूप में नहीं, बल्कि स्वतंत्रता सेनानी के रूप में महात्मा गाँधी के साथ असहयोग आंदोलन में शामिल होने के कारण बढ़ी. भारतीय जनमानस के लिए प्रेम और सामाजिक उत्थान की भावना डॉ. राय को राजनीति में ले आई. वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने और बाद में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री का पद संभाला. डॉ. राय को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. उनके जन्म दिवस को डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है.
”कौन सी बात, कब ,कैसे कही जाती है
ये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है.”
डॉक्टर्स का ये सलीका हो तो हर बात सुनी जाती है. अभी हाल ही में नभाटा में एक भावभीना समाचार प्रकाशित हुआ था. मुकेश कुमार (48 साल) दो महीने पहले जब अपने संक्रमित पैर का इलाज कराने सफदरजंग हॉस्पिटल आए थे, उन्होंने डॉक्टरों को दुविधा में डाल दिया था. मुकेश के पैर में भयंकर इंफेक्शन हो गया था, वे पैर कटवाने आए थे. डॉक्टरों ने उनसे कहा था कि बोन फिक्शेसन सर्जरी के जरिए उनका पैर बचाया जा सकता है, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया. वजह जल्दी ही साफ हो गई जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, वे अस्पताल और दवाइयों का खर्च नहीं उठा सकते थे. डॉक्टर्स की संवादनाएं टीस कर उठीं. डॉक्टरों और मेडिकल टीम ने उनके लिए पैसे का इंतजाम किया और उनका पैर बचा लिया.
इनकी तरह और भी बहुत-से चिकित्सक हैं, जो तन-मन-धन और नितांत सेवाभाव से मरीज़ों को राहत पहुंचा रहे हैं. सभी सेवाभावियों को हमारी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं.
नमस्ते आदरणीय बहिन जी। आलेख अच्छा लगा। सच्चे कर्तव्य निष्ठ चिकित्सकों एवं डॉक्टर्स को नमन एवं वंदन।
प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
लीला बहन , लेख बहुत अच्छा लगा .डाक्टर विधान चन्द्र को कोटि कोटि नमन .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.