कविता

कविता : राजनीति हँसती है

ऐसा ना हो कि केवल राजनीति हो जाये
गरीब पिछडा समाज
अपना कल्याण होने से वंचित रह जाये
आखिर कब होगा सम्पूर्ण समाज का भला?
हम जनता कब तक इन नेताओं के द्वारा बाँटे गये
जाति, धर्म, समुदाय में बँटकर पिसते रहेंगे
नेता गरीबों का निवाला छीनकर
वोट बैंक भर अपनी राजनीति चमकाते रहेंगे?
राजनीति दिल नहीं दिमाग देखती है
वह छदम भेष, भाषा दिखा जनता का मूड परखती है
नि:संदेह जुबान की फिसलन
बरसात की फिसलन से भी ज्यादा खतरनाक है
कभी कभी यह फिसलन
भले की कमर भी तोड देती है
एक गलत शब्द
भले मानस पर कब कैसे भारी बन
शब्दों का गज बना दबा दे राजनीति हँसती है……….

संगीता कुमारी

संगीता कुमारी

पिता का नाम---------------श्री अरुण कुमार माथुर माता का नाम--------------श्रीमती मनोरमा माथुर जन्मतिथी------------------- २३ दिसम्बर शिक्षा सम्बंधी योग्यता-----दसवीं (सी.बी.एस.ई) दिल्ली बारहवीं (सी.बी.एस.ई) दिल्ली बी.ए, दिल्ली विश्वविद्धालय एम.ए (अंग्रेजी), आगरा विश्वविद्धालय बी.एड, आगरा विश्वविद्धालय एम.ए (शिक्षा) चौधरी चरणसिंह विश्वविद्धालय रुचि--------------------------पढना, लिखना, खाना बनाना, संगीत सुनना व नृत्य भाषा ज्ञान-------------------हिंदी, अंग्रेजी काव्य संग्रह--- ह्रदय के झरोखे (यश पब्लिकेशन दिल्ली, शाहादरा) कहानी संग्रह--- अंतराल (हिंदी साहित्य निकेतन, बिजनौर उत्तर प्रदेश) काव्य संग्रह संगीता की कवितायें (विंध्य न्यूज नेट्वर्क) पता--- सी-72/4 नरोरा एटॉमिक पावर स्टेशन, टाउन शिप, नरोरा, बुलंदशहर उत्तर प्रदेश, पिन—203389 मोबाईल नम्बर—08954590566 E.mail: [email protected] [email protected] www.sangeetasunshine.webs.com