गाइए गणपति गुण गाइए
गाइए गणपति गुण गाइए भजन
गौरी शंकर सुवन मनाइए (3)- गाइए गणपति गुण गाइए—-
1.गणपति सबके काज संवारें, गणपति सबके कष्ट निवारें-
2.गणपति सबके भाग्यविधाता, गणपति सिद्धिविनायक त्राता-
3.ऋद्धि-सिद्धि के गणपति स्वामी, घट-घट व्यापी अंतर्यामी-
4.श्रद्धा का दीपक प्रेम की बाती, भजन करें पल-पल दिन-राती-
5.जो गणपति का ध्यान लगाएं, मनवांछित फल वो पा जाएं-
अच्छी विचार करने योग्य सूंदर कविता। सादर।
प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर प्रतिक्रिया के लिए आभार.
लीला बहन , भजन अत्ति सुन्दर लगा .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.