भजन/भावगीत

गाइए गणपति गुण गाइए

गाइए गणपति गुण गाइए                                        भजन
गौरी शंकर सुवन मनाइए (3)- गाइए गणपति गुण गाइए—-
1.गणपति सबके काज संवारें, गणपति सबके कष्ट निवारें-
2.गणपति सबके भाग्यविधाता, गणपति सिद्धिविनायक त्राता-
3.ऋद्धि-सिद्धि के गणपति स्वामी, घट-घट व्यापी अंतर्यामी-
4.श्रद्धा का दीपक प्रेम की बाती, भजन करें पल-पल दिन-राती-
5.जो गणपति का ध्यान लगाएं, मनवांछित फल वो पा जाएं-

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

4 thoughts on “गाइए गणपति गुण गाइए

  • Man Mohan Kumar Arya

    अच्छी विचार करने योग्य सूंदर कविता। सादर।

    • लीला तिवानी

      प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर प्रतिक्रिया के लिए आभार.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    लीला बहन , भजन अत्ति सुन्दर लगा .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.

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