कविता : अद्भुत पल
जहाँ देख पिया अधरो में कम्पन,
सीने में लोलुपता होती।
प्रेम मधू की प्यास में गोरी
अचेतन सी होती है।
जब प्रेम मधू की मधुशाला में,
इकदम सा कुछ होता है।
तब कट दुनिया से गोरी पी की-
आलिंगन ही जीती है।।
जहाँ देख पिया अधरो में कम्पन,
सीने में लोलुपता होती।
प्रेम मधू की प्यास में गोरी
अचेतन सी होती है।
जब प्रेम मधू की मधुशाला में,
इकदम सा कुछ होता है।
तब कट दुनिया से गोरी पी की-
आलिंगन ही जीती है।।