सुरीली दस्तक है मित्रता
मित्रता-दिवस पर विशेष कविता
सत्पथ पर चलना सिखलाए,
आपद्काल में साथ न छोड़े।
वह ही सच्चा मित्र है जो किंचित् ,
मीत के हित से मुंहं न मोड़े॥
दुखों के अथाह सागर में मित्रता ही,
साथ देकर पार करवाने वाली नैय्या है।
रिश्तों की नाज़ुकता समझाने वाली,
विश्वास के योग्य खिवैया है॥
मित्रता हर पल फुहार का झरना है,
मित्रता जीवन का अनमोल गहना है।
फूलों की महकीली-सी मुस्कान है,
एक सजीला विश्वास है कि कोई अपना है॥
मित्रता गहरे समंदर-सा एक रिश्ता है,
सच्चा मित्र ही तो सच्चा फ़रिश्ता है।
जीवन के वीरान सहरा में,
सुंदर-सुरभित गुलिस्तां है॥
इन्द्रधनुषी रंगों की चमक है मित्रता,
सूरज की किरणों की दमक है मित्रता।
जीवन की सूनी-उदास राहों में,
खुशियों की सुरीली दस्तक है मित्रता॥
बहुत सूंदर ह्रदय को छु लेने वाली रचना। सादर।
प्रिय मनमोहन भाई जी, अति सुंदर, सार्थक व प्रोत्साहक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
shraddhey bahanji / kawita bahut badhiya lagi / dhanywad !
प्रिय राजकुमार भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
प्रिय राजकुमार भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
लीला बहन , मित्रता पर लिखी कविता बहुत अछि लगी .
प्रिय गुरमैल भाई जी, अति सुंदर व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
लीला बहन , मित्रता पर लिखी कविता बहुत अछि लगी .