कविता

कविता : सवाल कईं

उलझन मन की
सुलझ न पाए…
कहूँ या छुपा लूँ
हैं ऐसे ख़याल कईं !!

तरसती आँखें
रस्ता निहारें…
मिलोगे अबके
या लगेंगे साल कईं !!

न दिल बंजारा
न हम हैं बंजारे…
भटके है मन क्यों
हैं ऐसे सवाल कईं !!

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed