भजन/भावगीत

ऐरे कान्हा मेरे

ऐरे कान्हा मेरे, एक सहारा तेरा
दूजा कोई नहीं, इस जहां में मेरा ।
तुझ संग प्रीत है जोड़ी
मैनें तोड़े सारे बंधन,
लोकलाज सब छोड़ के
मैं तो बन गई तेरी जोगन,
मेरे दिल पे लिखा,एक नाम तेरा
ऐरे कान्हा मेरे……..
प्यास बुझी वर्षों की मेरी
अब कोई प्यास लगे ना,
तेरे रंग में रंग गई जोगन
अब कोई रंग चढ़े ना,
बिन मांगे मुझे, सब कुछ दे दिया
ऐरे कान्हा मेरे……..
तूने हाथ है थामा मेरा
सौंपा जीवन तुझको,
डूब रही थी नैया मेरी
पार लगाया मुझको,
सारा जीवन मेरा, तेरे नाम किया 
ऐरे कान्हा मेरे……..

नीतू शर्मा 'मधुजा'

नाम-नीतू शर्मा पिता-श्यामसुन्दर शर्मा जन्म दिनांक- 02-07-1992 शिक्षा-एम ए संस्कृत, बी एड. स्थान-जैतारण (पाली) राजस्थान संपर्क- [email protected]

6 thoughts on “ऐरे कान्हा मेरे

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत ही सुन्दर रचना है , आप को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत वधाई हो .

    • नीतू शर्मा

      प्रतिक्रिया के लिए आभार आदरणीय। आपको भी कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी नीतू जी, अति सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए आभार.

    • नीतू शर्मा

      आदरणीया सखी लीला जी सुन्दर प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार

  • राजकुमार कांदु

    बहुत ही भावपूर्ण रचना के लिए आभार ।

    • नीतू शर्मा

      हार्दिक आभार आदरणीय

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