कविता : अधूरे से ख्वाब…धुंधली तस्वीरें
अधूरे से ख्वाब
धुँधली तस्वीरें
ग़म से भरीं…क्यों ये तकदीरें !!
जब राहें जुदा
क्यों प्यार हुआ
बतला दे तू…ऐ मेरे खुदा !!
अक्स धुँधला
धुँधले चेहरे
भीगी पलकें… सब धुँधला दिखे !!
उम्मीदे – वफा
किससे करें
मिट्टी के लोग… चंद टुकडों में बिकें !!
अंजु गुप्ता