नभाटा ब्लॉग पर मेरे दो वर्ष – 15
नवभारत टाइम्स (नभाटा) में मैं प्रायः मुस्लिमों से सम्बंधित पोस्ट कम ही लिखता था, पर आवश्यक होने पर अवश्य लिखता था. ऐसी ही एक पोस्ट मैंने लिखी- “क्या मुस्लिम विनाश की ओर बढ़ रहे हैं?” इस पोस्ट मैं मैंने बताया था कि सारे संसार को कोई अदृश्य शक्ति एक ऐसे संघर्ष की ओर बलपूर्वक धकेल रही है जिसमें एक पक्ष में मुसलमान होंगे और दूसरे पक्ष में बाकी सब होंगे. इस महायुद्ध में मुसलमानों का पूर्ण विनाश निश्चित है. इसकी भविष्यवाणी अनेक विचारकों ने पहले ही कर रखी है. इस पोस्ट को आप नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%95-%E0%A4%AF-%E0%A4%AE-%E0%A4%B8-%E0%A4%B2-%E0%A4%AE-%E0%A4%B5-%E0%A4%A8-%E0%A4%B6-%E0%A4%95-%E0%A4%93%E0%A4%B0-%E0%A4%AC%E0%A4%A2-%E0%A4%B0%E0%A4%B9-%E0%A4%B9
इस पोस्ट पर बहुत बहस हुई. अनेक मुसलमान सज्जन इसे पढ़कर तिलमिला गए, जैसा कि स्वाभाविक ही है. मेरे पक्ष में भी बहुत लोगों ने लिखा.
अभी तक मैं अपने ब्लॉग पर प्रायः गंभीर लेखन ही किया करता था, हालाँकि विश्व संवाद केंद्र पत्रिका में मैं “खट्ठा-मीठा” नाम से नियमित व्यंग्य लिखा करता था. मेरे इस ब्लॉग का नाम “खट्ठा-मीठा” वहीँ से लिया गया है. लेकिन इस ब्लॉग पर पहली बार मैंने एक हास्य-व्यंग्य लिखा- “करारे सवाल, फड़कते जबाब”. उस समय कांग्रेस की सरकार थी, इसलिए इसमें एक कांग्रेसी नेता से कुछ दिलचस्प काल्पनिक सवाल-जबाब किये गए थे. इसका लिंक दे रहा हूँ.
http://readerblogs.navbharattimes.indiatimes.com/Khattha-Meetha/entry/%E0%A4%B9-%E0%A4%B8-%E0%A4%AF-%E0%A4%B5-%E0%A4%AF-%E0%A4%97-%E0%A4%AF-%E0%A4%95%E0%A4%B0-%E0%A4%B0-%E0%A4%B8%E0%A4%B5-%E0%A4%B2-%E0%A4%AB%E0%A4%A1-%E0%A4%95%E0%A4%A4-%E0%A4%9C%E0%A4%AC-%E0%A4%AC
यह हास्य-व्यंग्य पाठकों को बहुत पसंद आया. अन्य ब्लोगरों ने इसकी नक़ल में भी व्यंग्य लिखे. मैंने कांग्रेस पर व्यंग्य किया था तो उन्होंने भाजपा पर व्यंग्यबाण छोड़े थे. पर असल में जो मजा है वह नक़ल में कभी नहीं आ सकता.
इस व्यंग्य की सफलता के बाद मैंने तय कर लिया था कि बीच-बीच में इस ब्लॉग पर हास्य-व्यंग्य लिखता रहूँगा.
— विजय कुमार सिंघल
भाद्रपद शु. 7, सं. 2073 वि. (8 सितम्बर 2016)