उसकी कामयाबी अवश्य होगी
जीवन है दौड़ का एक मैदान,
यहां दौड़ता है हर सामर्थ्यवान,
उसने खुद भी समझा है, औरों को भी समझाया है,
दौड़ते ही रहने में है अपने जीवन की शान.
यह दौड़ वह कैसे दौड़ता है,
इसी में छिपा है जीत-हार का राज,
जो पीछे रह गया, वह हार गया,
जो निरंतर दौड़ता रहा,
लगातार कोशिश करता रहा,
रहता है हर समय जो गतिशील,
उसके ही शीश पर सजता है जीत का ताज.
कोशिश मन की ऐसी स्थिति है,
जो न केवल गतिशील और क्षमतावान बनाती है,
बल्कि नाकामयाबी के डर से भी दूर ले जाती है,
जब डर ही नहीं रहा,
हार भी नहीं होगी,
हार न मानने वाले को मिलता है मौका-ही-मौका,
उसकी कामयाबी अवश्य होगी,
उसकी कामयाबी अवश्य होगी,
उसकी कामयाबी अवश्य होगी.