लाचारी
बिलख-बिलख कर पगली सी हरकत,
कभी छाती पीटे, माथे को टक्कर।
इक छोटा बालक माँ सम्मुख हैरान,
माँ हाहाकार निरखता इकटक,
बूढ़ी माँ जड़वत, बैठी लालन पार्थिव सम्मुख,
पिता गलीचे पर लेटा, बहनों का साहस छूटा,
हाय लूट लिया पापी ने, छल छंदो के साथी ने,
अरे घाती घात लगाकर के,
शेरों को मार गिराया है।
???????
।। प्रदीप कुमार तिवारी।।
करौंदी कला, सुलतानपुर।