कविता : गाँधी व शास्त्री को नमन
गाँधी व शास्त्री तुम कहा गए
आज आपकी जरुरत फिर भारत माँ को है
हर तरफ अराजकता का बोलबाला है ,
आतंकबाद का बोलबाला है
न शांति है न चैन है माँ के आँचल में
भारत माँ ढूंढ रही अपने सपूतो को
गाँधी व शाश्त्री आप फिर आ जाओ भारत में
आज आपका जन्मदिन है
इस दिन भी अमन चैन नहीं है
सब एक दूसरे के खून के प्यासे है
आओ आज फिर हम सब कसम खाये
गाँधी व शास्त्री का भारत बनाये
यही उनको जन्मदिन की सही बधाई होगी
– गरिमा