गीत
जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय
भारत भूमि कण कण पूजित तन तिलक करे
मन मुदित जन जन मंगल गान अलाप भरते
जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय
गंगा सहित सभी सरिताऐं कल कल नाद करे
नाग बाग उपवन गाय बाघ मृग जलपान करे
जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय
हिम हिमालय हिम सेतु समीर अनवरत बहे
जन सम भाव भावना भावुक न्याय एक करे
जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय
उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम जन गण मन रंग भरे
जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय
जय हो जय हो जय जय हो।
अनिल कुमार सोनी