गीत/नवगीत

गीत

 

जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय

भारत भूमि कण कण पूजित तन तिलक करे

मन मुदित जन जन मंगल गान अलाप भरते

जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय

गंगा सहित सभी सरिताऐं कल कल नाद करे

नाग बाग उपवन गाय बाघ मृग जलपान करे

जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय

हिम हिमालय हिम  सेतु समीर अनवरत बहे

जन सम भाव भावना भावुक न्याय एक करे

जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय

उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम जन गण मन रंग भरे

जयजय जन गण मन जल थल नभ जयजय

जय हो जय हो जय जय हो।

 

अनिल कुमार सोनी

अनिल कुमार सोनी

जन्मतिथि :01.07.1960 शहर/गाँव:पाटन जबलपुर शिक्षा :बी. काम, पत्रकारिता में डिप्लोमा लगभग 25 वर्षों से अब तक अखबारों में संवाददाता रहा एवं गद्य कविताओं की रचना की अप्रकाशित कविता संग्रह "क्या तुम समय तो नहीं गवां रहे हो "एवं "मधुवाला" है। शौक :हिंदी सेवा सम्प्रति :टाइपिंग सेंटर संचालक