बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना
कुछ बैठे दिखेंगे तुम्हें सड़क किनारे,
कुछ मिलेंगे तुम्हें रेहड़ी लगाये बेचारे,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
इससे चंद खुशियाँ उन्हें भी मिल जाएँगी,
दिल की मुरझाई कलियां खिल जाएँगी,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
मोल भाव मत करने लग जाना तुम,
लाभ हानि का ना हिसाब लगाना तुम,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
उनका घर भी खुशियों से भर जायेगा,
कमाने वाला हँसता हुआ घर जायेगा,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
तुम्हारी खरीददारी से महल नहीं बनेगा,
सिर्फ हँसी ख़ुशी के साथ त्यौहार मनेगा,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
मिटी के दीये बनाते हैं वो इसीलिये जनाब,
त्यौहार पर पूरे करने को उनके चंद ख्वाब,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
शॉपिंग मॉल को भूलकर ये करना तुम,
कुछ दिलों में छोटी सी ख़ुशी भरना तुम,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
दोहरा लाभ है इस छोटी खरीददारी से,
संस्कृति बचेगी इस कोशिश हमारी से,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
इससे विदेशों में नहीं जायेगा पैसा हमारा,
सुलक्षणा भूलेगी नहीं ये अहसान तुम्हारा,
बस उनसे कुछ सामान खरीद लेना।
©® डॉ सुलक्षणा अहलावत