कविता

सरहद

हम हैं जवान रक्षक देश के,  अडिग जानो हमारा अहद,

प्रबल चेतावनी समझो इसे, भूलकर पार करना न सरहद |

अत्याचार किया अबतक तुमने, हमने भी सहन किया बेहद,

सर्जिकल का नमूना तो देखा, अब तो पहचानो अपनी हद |

मानकर तुम्हे पडोसी हमने, दिया तुम्हे समुचित मान ,

उदारता को तुम कमजोरी समझे, हमारी शक्ति का नहीं ज्ञान |

याद करो इकहत्तर की लड़ाई, बांग्ला देश हुआ था तब आज़ाद,

अब लड़ोगे तो जायगा बलूच हाथ से, तुम हो जाओगे बर्बाद |

लड़ाई की धमकी देतो हो किन्तु, अंजाम का कुछ नहीं है ज्ञान,

नक़्शे पर कहीं नहीं होगा तब, पाकिस्तान का नामो निशान |

सोचो, बदल जाय माली अगर, कब्जे वाले पश्चिम काश्मीर का

क्या होगा अंजाम तब , पाक पोषित घृणित आतंक का ?

भोले भाले नौजवान आते, सजोये अपने सपनों की पालकी

पिलाकर जेहाद का भ्रमित विष, उन सबको बना देते हो आतंकी |||

सरहद पार भारत में आकर वे जब करते हैं आतंकी उत्पात

अकाल मृत्यु सब करते हैं प्राप्त, होता परिवार पर उल्कापात |

सुनो, संभल जाओ, अभी समय है, बन जाओ अब थोड़ा अकल्मन्द

खड़े वीर जवान सरहद पर हमारे, अभेद्य, सुरक्षित है हमारी सरहद |

© कालीपद ‘प्रसाद’

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !