कविता : सफ़र जिंदगी का
सफ़र जिंदगी का…
काटे कटे न तुम बिन !
यादों में तेरी, हम पहरों मुस्कुराते हैं ! !
अजब सी हलचल…
यूँ रहती है मेरे दिल में !
झूठे कहकहों से, हाले-दिल छुपाते हैं !!
करीब आ जाओ…
खुद को समा लें तुममें !
दिलों के फासले, गलतफहमियां बढ़ाते हैं !!
अंजु गुप्ता