गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल : इस तिरंगे पर

देंगे हम जान इस तिरंगे पर,
अपना ईमान इस तिरंगे पर।

हमको अभिमान इस तिरंगे पर,
देश का मान इस तिरंगे पर।

मेरे तो खून का है हर कतरा,
आज कुरबान इस तिरंगे पर।

राम रहमान और गुरु नानक,
सबका सम्मान इस तिरंगे पर।

हमको विश्वास सबसे ज्यादा है,
देश की आन इस तिरंगे पर।

मेरा बस एक ख्वाब है अम्बर,
होऊं कुरबान इस तिरंगे पर।

अभिषेक कुमार अम्बर

अभिषेक कुमार अम्बर

अभिषेक कुमार अम्बर हिंदी साहित्य की एक उभरती हुई प्रतिभा है।इनका जन्म मेरठ के मवाना क़स्बा में 07 मार्च 2000 को हुआ। आपने प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली से प्राप्त की। वर्ष 2014 से निरंतर हिंदी और उर्दू साहित्य की सेवा में समर्पित है। आप हास्य व्यंग्य कविता , गीत ,ग़ज़ल , छंद आदि विद्या में लिखते हैं मुख्यतः श्रृंगार रस एवं हास्य व्यंग्य के कवि हैं [email protected] Add- Bank Colony New Delhi 110093