लघुकथा

गंगा स्नान

रमेश अपने परिवार के साथ हरिद्वार गये। घरवालों की इच्छा थी की हरिद्वार में गंगा स्नान किया जाये । अम्मा बाबूजी बड़े खुश थे कि उनका बेटा उन्हें तीर्थ कराने ले जा रहा है । पत्नी और बच्चों को घूमने का बहाना मिल गया था । गंगा स्नान करते वक़्त रमेश ने अपने बेटे से कहा , ” देख बेटा अलग अलग एंगल से फ़ोटो खींचना । अपने नये केमेरा से फ़ोटो अच्छी आती है । “

बेटे ने उत्तर दिया , “जी पापा , देखो तो कितनी सुन्दर दिखाई दे रही है गंगा जी ,स्वछ निर्मल दूध की तरह बह रही है । अद्भुत नज़ारा है । “

गंगाजी के घाट पर हर हर गंगे का नारा गूंज रहा था । लोगों का आना जाना । साधू संतो की जमघट । रमेश ने भी लगे हाथ डुबकी लगा ली । बाहर आकर उसने अपने बेटे से पूछा ,” क्यों खींची न मेरी फ़ोटो भी गंगाजी में डुबकी लगाते हुए ? चल जल्दी से व्हाट्सअप और फेसबुक का स्टेटस अपडेट करूँ । मेरे बॉस और अन्य लोगो को भी तो पता चले गंगा स्नान मैं भी कर सकता हूँ । ” तभी उसके करीब से एक साधू ने नारा लगाया ‘ हर हर गंगे ‘।

कल्पना भट्ट

कल्पना भट्ट श्री द्वारकाधीश मन्दिर चौक बाज़ार भोपाल 462001 मो न. 9424473377