राजनीति

मोदीजी का मास्टर स्ट्रोक

मोदीजी का मास्टर स्ट्रोक

आज समाचार चैनलों पर एक खबर प्रमुखता से दिखाई गयी । मोदीजी ने एक बड़ी महत्वपूर्ण घोषणा की । सुनकर दिल खुश हो गया । हम कुछ मित्र दुकान पर ही बैठे समाचार देख रहे थे । मोदीजी ने घोषणा की ‘ आज रात्रि से 500 और 1000 के नोट स्वीकार करने बंद कर दिए जायेंगे ।
सबके लिए 50 दिन का समय है । जनता 500 और 1000 के नोट 30 दिसंबर तक डाकघरों या अपने बैंक खातों में जमा करा सकते हैं ।’
यह घोषणा सुनकर हम सभी मित्र बहुत खुश हुए । हमारे एक मित्र मोदीजी की तारीफों के पुल बांधने में लग गए । समर्थन हमारा भी था । यह काम ही इतना बढ़िया किया है मोदीजी ने घोर विरोधी भी बगलें झांक कर तारीफ करने के अलावा कुछ नहीं कर सकते ।
सभी काला बाजारियों की ताबूत में इस मास्टर स्ट्रोक ने क़िल ठोंकने का काम किया है ।
अभी हम दुकान समाचार देख ही रहे थे कि इसी से सम्बंधित समाचार विस्तृत रूप से सुनकर हमारे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी ।
दरअसल कल और परसों बैंक और ए टी एम् भी बंद रहेंगे ।
आम लोगों को मुश्किल में डालने के लिए यही फैसला काफी है । अधिकांश लोग नौकरीपेशा हैं । कईयों की सैलरी हजार और पांच सौ के नोटों की शकल में घर में पड़ी है । इस अचानक हुए घोषणा ने आम लोगों को किस कदर प्रभावित किया इसका अंदाजा अगले दो घंटे में ही महसूस कर हम लोग दुखी हो गए ।
हमारे एक परिचित मिले । बता रहे थे अभी कल ही बीस हजार रुपये बैंक से निकालकर ले आये हैं जो सभी पांच पांच सौ रुपये के नोट हैं । रात ग्यारह बजे तक पूरी कोशिश कर चुके थे । इन नोटों में से एक नोट भी खर्च नहीं कर पाए । न अपने मोबाइल में रिचार्ज कर पाए न सब्जी खरीद पाए और न ही किराने वाले से कोई सामान ले पाए ।
कुछ तो नोट लेकर पागलों की तरह टी वी का रिचार्ज करने के लिए इधर से उधर घुमते दिख रहे थे ।
चंद घंटों में ही सड़क पर अफरातफरी का माहौल दिख रहा था और ये परेशान होने वाले सभी आम लोग थे । ये वो लोग थे जिनकी जेब में सौ सौ के नोट नहीं थे ।जिनकी तनख्वाह में मिले पैसे भी उनके लिए बेकार हो गए थे ।
ए टी एम् के बाहर लम्बी लम्बी कतारें भी लगी दिखायी पड़ रही थीं ।
सरकार के प्रवक्ता ने रात ग्यारह बजे रहस्योद्घाटन किया कि सरकार पिछले दस महीने पहले से इसके लिए तैयारी कर रही थी । दस महीने तैयारी करके उन्हें आम लोगों की परेशानी का कोई विकल्प नहीं सुझाई दिया ।
बिना आम लोगों की परवाह किये ही शायद जल्दबाजी में यह फैसला लिया गया । इसके बहुत अच्छे परिणामों पर सरकार की अदूरदर्शिता ने विपरीत असर किया है । अभी कल आम लोगों का क्या होगा ? यह तो कल ही पता चलेगा क्योंकि सब्जी वाले दूधवाले और रोजमर्रा की अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अन्य वस्तुओं की खरीद डेबिट या क्रेडिट कार्ड से नहीं होती । ये लोग चेक भी नहीं लेते और न ही सभी के पास सौ के नोट उपलब्ध हैं ।ऐसे में आम लोग कल क्या करेंगे ? यही यक्ष प्रश्न है । अगर इसकी समुचित तयारी कर इस पर विचार किया गया होता तो कितना अच्छा होता ?
यह फैसला लोगों को परेशानी में डाले बिना भी किया जा सकता था ।
बहरहाल फिर भी सरकार के इस कदम का दिल से स्वागत है । देशहित में थोड़ी तकलीफ भी लोग सहन कर लेंगे फिर वह चाहे बेवजह ही क्यों न हो ।
उम्मीद है सरकार के इस कदम से भ्रष्टाचार और काले धन पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी

*राजकुमार कांदु

मुंबई के नजदीक मेरी रिहाइश । लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश ।