रिमझिम रिमझिम
रिमझिम- रिमझिम बदरा बरसे।
मोर-मोरनी के मनवा हरसे।
आपस में खुला नृत्य करते हैं दोनों ,
लुप्त उठाते सभी पेड़-पौधे मनसे॥१॥
रिमझिम-रिमझिम सावन बरसे।
मिलन की आई बेला से मन हरसे।
हम दोनों एक-दूसरे की चाहत में,
मौसम में इन्तजार लिए दोनों तरसे॥२॥
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@रमेश कुमार सिंह /20-07-2016
(कैमूर बिहार) 9572289410