सबका “पिता” एक है
प्रिय बच्चो,
सदा खुश रहो,
आज बाल दिवस यानी चाचा नेहरू जयंती भी है और गुरु पर्व यानी गुरु नानक जयंती भी. कल आपने स्कूल में धूमधाम से बाल दिवस के उपलक्ष में बाल मेला मनाया होगा. आज हम आपको गुरुनानक देव जी के बारे में बता रहे हैं.
सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु गुरुनानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. यही वजह है कि इस दिन को सिख धर्म के अनुयायी बड़े ही धूमधाम से प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं. गुरु नानक देव भाईचारा, एकता और जातिवाद को मिटाने के लिए कई उपदेश दिए.
1. गुरु नानक देव ने ही इक ओंकार का नारा दिया यानी ईश्वर एक है. वह सभी जगह मौजूद है. हम सबका “पिता” वही है इसलिए सबके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए.
2. किसी भी तरह के लोभ को त्याग कर अपने हाथों से मेहनत कर और न्यायोचित तरीकों से धन का अर्जन करना चाहिए.
3. कभी भी किसी का हक नहीं छीनना चाहिए, बल्कि मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरतमंदों की भी मदद करनी चाहिए.
4. धन को जेब तक ही सीमित रखना चाहिए. उसे अपने हृदय में स्थान नहीं बनाने देना चाहिए अन्यथा नुकसान हमारा ही होता है.
5. स्त्री-जाति का आदर करना चाहिए. गुरु नानक देव, स्त्री और पुरुष सभी को बराबर मानते थे.
6. तनाव मुक्त रहकर अपने कर्म को निरंतर करते रहना चाहिए तथा सदैव प्रसन्न भी रहना चाहिए.
7. संसार को जीतने से पहले स्वयं अपने विकारों और बुराइयों पर विजय पाना अति आवश्यक है.
8. अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन है. इसलिए अहंकार कभी नहीं करना चाहिए, बल्कि विनम्र होकर सेवाभाव से जीवन गुजारना चाहिए.
9. गुरु नानक देव पूरे संसार को एक घर मानते थे, जबकि संसार में रहने वाले लोगों को एक ही परिवार का हिस्सा.
10. लोगों को प्रेम, एकता, समानता, भाईचारा और आध्यात्मिक ज्योति का संदेश देना चाहिए.
आज बस इतना ही, शेष फिर.
आपकी नानी-दादी-ममी जैसी
-लीला तिवानी