वो गुलाब है, मुझको भूल गई है
जिसकी खुशबू साँसों में घुल गई है
वो गुलाब है, मुझको भूल गयी है।
ज़रा याद दिलाए उसे कोई मेरी
वो किस सुरूर में मुझसे दूर गई है।
तेरा रूठना ऐसा लगता है जैसे
मेरी जिंदगी मुझी से रूठ गई है
कई सारी गांठों में उलझते जा रहे है
इक गाँठ जो नफरत की खुल गई है।
हाथों पर हिना का रंग कैसे हो
मेहँदी आंसुओं से धुल गई है ।
मुझसे दूर होना इतना आसान भी नहीं
तेरी साँसे मेरी साँसों में घुल गई है।