कुण्डली/छंद

“स्वामी विवेकानन्द” (घनाक्षरी छन्द)

swami-vivekanand

भारत के धर्म – ज्ञान का प्रकाश ले चले हैं ।
धर्म वाली संसद पहुँचने की चाह है ।।
कल तक सर्वजन भाषण से बचते थे ।
सर्व-धर्म जनों को दिखाते नयी राह हैं ।।
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अमरत्व का यथार्थ – सत्य उन्हें ज्ञात हुआ ।
सुख-दु:ख व्यर्थ सब क्रोध व उछाह है ।।
ज्ञान व विवेक के शिखर हैं विवेकानन्द ।
कौन जान पाए, ज्ञान की न कोई थाह है ।।

—  राममिलन दीक्षित ‘आभास’

राम दीक्षित 'आभास'

राम मिलन दीक्षित 'आभास' , माता- प्रेम लता दीक्षित , पिता- राम प्रकाश दीक्षित , जन्म - 18 अगस्त 1987 , स्थायी निवास - ग्राम-पोस्ट अम्बरपुर, सिधौली, जिला सीतापुर (उ.प्र.) , शिक्षा - स्नातक , पुरस्कार - सी.ए. परीक्षा के लिए गोल्ड मैडल एवं प्रमाण पत्र , प्रकाशित कृति - "अन्तस के बोल" (काव्य संग्रह) , विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशन , लेखन विधाएं - छंद , कविता, कहानी , उपन्यास , ग़ज़ल , व्यंग्य , निबन्ध, आलेख , वर्तमान पता- सत्य सदन, 1/118, सेक्टर 1, जानकीपुरम विस्तार , लखनऊ - 226031 Mob. 09919120222 email- [email protected]