कविता

नए रास्ते

जब
आसमान सो जाता है
और पृथ्वी भी
हो जाती है ख़ामोश
दिल के सभी दरवाज़े
हो जाते हैं बंद
रास्ते हो जाते हैं सुनसान
मंज़िलें
खो जाती हैं कोहरे में
रात हो जाती है
और भी स्याह
तो कहीं दूर
बहुत दूर
सुनाई देती है आहट
सुबह की
रोशनी की
दिखने लगते हैं
नए रास्ते।।
@ नमिता राकेश