कड़वाहट
अपने दोस्त के घर राजेश बहुत उम्मीदों के साथ आया था. तीन साल के बाद वह अपनी ममेरी बहन मंजरी और अपने दोस्त वासू से मिला था. दोनों ने जाति और क्षेत्र की सारी दीवारों को तोड़ कर घरवालों की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया था. उन्हें साथ लाने में उसने भी मदद की थी. पर आज तो हालात ही बदले हुए थे. दोनों में एक दूसरे के लिए अविश्वास जाग गया था. एक दूसरे के प्यार की कसमें खाने वाले मंजरी और वासू के मन में अब केवल एक दूसरे के लिए शिकायत ही बची थी. यह सब देख कर उसका मन खिन्न हो गया था. चार दिन उनके साथ बिताने के प्लान को स्थगित कर वह अगले ही दिन लौट गया.