गीतिका/ग़ज़ल

हरेक बात को हँसकर वो टाल देता है

हरेक बात को हँसकर वो टाल देता है
मगर निगाहों से सबकुछ खँगाल देता है

उसी के शेर जहां में चमकते गौहर बन
ख़यालों के जो हुनर से कमाल देता है

वो आदमी ही सदा कामयाब है होता
जो अपनी कमियों को चुनकर निकाल देता है

न बात कर मेरे दुश्मन की सामने मेरे
कि उसक ज़िक्र ही खूं में उबाल देता है

मैं उसकी कैद से खुद को बचा नहीं पाता
वो जाल जब भी निगाहों के डाल देता है

न पाल पाए वो वालिद को चार होकर भी
मगर इक बाप कई बच्चे पाल देता है

ख़ुदा के दर से कोई लौटता नहीं खाली
ख़ुदा ही सारे जहां को जमाल देता है

महेश कुमार कुलदीप ‘माही’
जयपुर
+918511037804

महेश कुमार कुलदीप

स्नातकोत्तर शिक्षक-हिन्दी केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-3, ओ.एन.जी.सी., सूरत (गुजरात)-394518 निवासी-- अमरसर, जिला-जयपुर, राजस्थान-303601 फोन नंबर-8511037804