गीतिका/ग़ज़ल

बेवफ़ा वो अगर नहीं होता

बेवफ़ा वो अगर नहीं होता
मैं कभी दर ब दर नहीं होता

है असर उसक ज़हनो-दिल पर यूँ
और कुछ कारगर नहीं होता

खाकसारी सलाहियत के बिन
आदमी खूबतर नहीं होता

मशवरा जो मिला बुजुर्गों से
वो कभी बेअसर नहीं होता

साथ में जिसके सच की ताक़त है
उसको कोई भी डर नहीं होता

मुझको तुझको सभी को आनी है
मौत का कोई घर नहीं होता

मत तलाशो यहाँ सुकूं ‘माही’
गाँव जैसा नगर नहीं होता

महेश कुमार कुलदीप ‘माही’
जयपुर
+918511037804

महेश कुमार कुलदीप

स्नातकोत्तर शिक्षक-हिन्दी केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-3, ओ.एन.जी.सी., सूरत (गुजरात)-394518 निवासी-- अमरसर, जिला-जयपुर, राजस्थान-303601 फोन नंबर-8511037804