मिले ना कोई नाम
मिले ना कोई नाम,
मैं ढूँढा सारे धाम,
तुझे पुकारूँ गली-गली मैं,
हर सुबह, हर शाम।
मन चाहे वीणा कहना,
पर वाणी बात न माने
— शरद सुनेरी
मिले ना कोई नाम,
मैं ढूँढा सारे धाम,
तुझे पुकारूँ गली-गली मैं,
हर सुबह, हर शाम।
मन चाहे वीणा कहना,
पर वाणी बात न माने
— शरद सुनेरी