लिखा है मैंने एक आखिरी प्रेम गीत…
ज़िन्दगी की रात में
लिखा है मैंने ,
एक आखिरी प्रेम गीत।
अगर सुनाई दे
तुम्हें ,
तो सुन लेना !
इसे सुन ने की भी
एक शर्त है मगर !
किसी के कहने -सुनने से नहीं ,
अगर मन से सुनो तो ही
सुनना !
यह मेरा प्रेम गीत
नहीं सुनाई देगा
किसी हृदय हीन को !
ह्रदय तल के
आखिरी तल से ,
उभरी टीस से निकला
यह गीत
तुम्हें सुनाई दे .
तो ही सुनना।
जिंदगी की रात है अब ,
भोर का क्या मालूम
हो भी या नहीं।
भोर के तारे में
मेरा गीत ,
सुनाई दे तो सुन लेना।