नया साल
कील पर आज
नया कैलेंडर चढ़ गया।
जहान कुछ और
आगे बढ़ गया।
शरीर वही पुराना है
मगर लिबास नया चढ़ गया।
काम सारे वही हैं
बस थोड़ा और बढ़ गया।
चाँद-तारे वही हैं,
कोई चमक नई जड़ गया।
किस्सागोई में आज
कोई नई कहानियां गढ़ गया।
नए साल पर लिखी
मेरी नई कविता कोई पढ़ गया।