कविता

नया साल

कील पर आज
नया कैलेंडर चढ़ गया।
जहान कुछ और
आगे बढ़ गया।
शरीर वही पुराना है
मगर लिबास नया चढ़ गया।
काम सारे वही हैं
बस थोड़ा और बढ़ गया।

चाँद-तारे वही हैं,
कोई चमक नई जड़ गया।
किस्सागोई में आज
कोई नई कहानियां गढ़ गया।
नए साल पर लिखी
मेरी नई कविता कोई पढ़ गया।

*नीतू सिंह

नाम नीतू सिंह ‘रेणुका’ जन्मतिथि 30 जून 1984 साहित्यिक उपलब्धि विश्व हिन्दी सचिवालय, मारिशस द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिन्दी कविता प्रतियोगिता 2011 में प्रथम पुरस्कार। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख, कहानी, कविता इत्यादि का प्रकाशन। प्रकाशित रचनाएं ‘मेरा गगन’ नामक काव्य संग्रह (प्रकाशन वर्ष -2013) ‘समुद्र की रेत’ नामक कहानी संग्रह(प्रकाशन वर्ष - 2016), 'मन का मनका फेर' नामक कहानी संग्रह (प्रकाशन वर्ष -2017) तथा 'क्योंकि मैं औरत हूँ?' नामक काव्य संग्रह (प्रकाशन वर्ष - 2018) तथा 'सात दिन की माँ तथा अन्य कहानियाँ' नामक कहानी संग्रह (प्रकाशन वर्ष - 2018) प्रकाशित। रूचि लिखना और पढ़ना ई-मेल n30061984@gmail.com