पता न था
बारिश की बौछार इतनी खूबसूरत होती है, पता न था
हम तमाम देर घूमा किए, पानी की बूंद एक न मिली
अपनों की दुनिया इतनी खूबसूरत होती है, पता न था
इनायत-ही-इनायत दिखी, शिकायत एक न मिली
नज़ारों की दुनिया इतनी खूबसूरत होती है, पता न था
नूतन नज़ारों की महफ़िल दिखी, पुरातन की झलक न मिली
सपनों की दुनिया इतनी खूबसूरत होती है, पता न था
हर्ष की खुशनुमा बगिया खिली, उन्माद की कली न मिली