कविता : यक्ष प्रश्न
गर वर्दी में भी
होता दिल
किस पर चलता “डंडा” ?
ये यक्ष प्रश्न है !
अजब विडम्बना
दागी करें शासन
क्या जुर्म बन गया है धँधा ?
ये यक्ष प्रश्न है !
बर्बरता का भोग
रोज़ बने दामिनी
मिलेगा लक्ष्मी सा सम्मान ?
ये यक्ष प्रश्न है !
बिखर रहा देश
जाति के नाम पर
कब हम कहलाएँगे इंसा ?
ये यक्ष प्रश्न है !
अंजु गुप्ता