मुक्तक/दोहा

जानता हूँ बहारों का मौसम नही…

जानता हूँ बहारों का मौसम नही
वो अभी वो नही हम अभी हम नही
मुश्किलें तो बहुत है मेरी राह में
पर दुआ आपकी साथ कुछ कम नही

पल रहा हूँ अभी प्यार है आपका
चल रहा हूँ अभी प्यार है आपका
कोशिशें आँधियों ने बहुत की मगर
जल रहा हूँ अभी प्यार है आपका

रोज कविता ग़ज़ल छंद लिखता रहा
प्रीत के गीत के बंद लिखता रहा
सोच कर कुछ लिखा ही नही दोस्तो
जो उठा दिल मेरे द्वन्द लिखता रहा

रस्म उल्फत निभाता रहूँगा सदा
प्रीत के गीत गाता रहूँगा सदा
रूठ कर जो गये हैं उन्हें दोस्तो
सर झुकाकर मनाता रहूँगा सदा

जो सुना है सही हो जरूरी नही
जो दिखा है वही हो जरूरी नही
जो यहाँ है जरूरी नही हो यहाँ
जो नही है नही हो जरूरी नही

सतीश बंसल
०५.०१.२०१७

*सतीश बंसल

पिता का नाम : श्री श्री निवास बंसल जन्म स्थान : ग्राम- घिटौरा, जिला - बागपत (उत्तर प्रदेश) वर्तमान निवास : पंडितवाडी, देहरादून फोन : 09368463261 जन्म तिथि : 02-09-1968 : B.A 1990 CCS University Meerut (UP) लेखन : हिन्दी कविता एवं गीत प्रकाशित पुस्तकें : " गुनगुनांने लगीं खामोशियां" "चलो गुनगुनाएँ" , "कवि नही हूँ मैं", "संस्कार के दीप" एवं "रोशनी के लिए" विषय : सभी सामाजिक, राजनैतिक, सामयिक, बेटी बचाव, गौ हत्या, प्रकृति, पारिवारिक रिश्ते , आध्यात्मिक, देश भक्ति, वीर रस एवं प्रेम गीत.