मुक्तक
किसी गम को छुपाने के लिये हम मुस्कुराते है ।
जमाने को दिखाने के लिये हम मुस्कुराते है ।
बड़ी बेताब रहती है, छलकने को नयन नदियाँ ।
कि अश्को को सुखाने के लिये हम मुस्कुराते है ।
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सफर में हमसफर बनके, वहीं फिर छोड़ जाता है ।
समझते है जिसे अपना, वही मुँह मोड़ जाता है ।
नहीं आसान है चलना, इश्क की राह पर सुनलो ।
जिसे दिल में बसाते है, वही दिल तोड़ जाता है ।
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