सूर्य-पतंगोत्सव मकर संक्रांति
मकर संक्रांति की पावन बेला,
लगा हुआ पतंगों का मेला,
सूर्य-पतंग भी उड़ पहुंचा है,
मकर राशि के घर अलबेला.
मकर राशि के स्वामी शनि हैं,
मकर संक्रांति-दिवस है आया,
सूर्य-पुत्र शनि ने स्वागत में,
पलकों का आसन है बिछाया.
पिता सूर्य के भोजन हेतु,
शनि ने खिचड़ी भी बनवाई,
देसी घी की खुशबू प्यारी,
सूर्यदेव के मन को भाई.
दक्षिणायन से उत्तरायण को,
सूर्यदेव उड़कर पहुंचेंगे,
सूर्य-पतंग को छू न सकें हम,
पेपर-पतंग उड़ा खुश हो लेंगे.
पतंग उड़ाएं, खिचड़ी खाएं,
बुराइयों को दूर हटाएं,
सूर्यदेव से विनय करें हम,
जग को सुंदर राह दिखाएं.