हसरतें
हसरतें
अक्सर बंद किवाड़ों में…
दम तोड़ते हैं अहसास
सिसकती हैं आवाजें
रुंध जाते हैं गले !
मन में रहती है…
बस मरने की चाहत !
कुछ मर जाती हैं
और कुछ जी जातीं हैं
जीते जी मरने के लिए ! !
अंजु गुप्ता
हसरतें
अक्सर बंद किवाड़ों में…
दम तोड़ते हैं अहसास
सिसकती हैं आवाजें
रुंध जाते हैं गले !
मन में रहती है…
बस मरने की चाहत !
कुछ मर जाती हैं
और कुछ जी जातीं हैं
जीते जी मरने के लिए ! !
अंजु गुप्ता