लघुकथा

आश्रयहीन

रात में अचानक मेरी आँखें खुल गईं I घर के बाहर रोने की आवाज सुनाई दे रही थी I घर से बाहर निकलकर मैंने देखा कि जर्जर अवस्था में एक बूढ़ी बिलख-बिलखकर रो रही है I उनकी आँखोँ से लगातार अश्रुधारा प्रवाहित हो रही है I बीच सड़क पर आश्रयहीन बेसहारा I मैंने उन्हें सांत्वना दी और पूछा “आप कौन हैं और किसलिए रो रही हैं ?” मेरी बातें सुनकर वे और जोर-जोर से रोने लगीं I थोड़ी देर के बाद अपने दर्द को समेटते हुए उस बुजुर्ग महिला ने कहा – “मैं सच्चाई हूँ , अपने रहने के लिए आश्रय की तलाश कर रही हूँ I मै बेघर और लावारिस हो गई हूँ I कोई भी व्यक्ति मुझे आश्रय देने के लिए तैयार नहीं है I मुझे सभी आउटडेटेड समझते हैं I मैं खूँटी पर टँगी कमीज जैसी हो गई हूँ I नगर का कोना- कोना मैंने छान मारा पर रहने के लिए मुझे एक इंच भी जगह नहीं मिली I इसीलिए मैं सड़क पर लावारिस पड़ी हूँ I क्या आप मुझे आश्रय देंगे ? “
अचानक सवाल सुनकर मेरा माथा चक्कर खाने लगा I मैं गहरी सोच में पड़ गया I मैंने अपने दिल को कठोर कर जवाब दिया –“ नहीं माताजी, यदि मैंने आपको आश्रय दिया तो मेरा परिवार सड़क पर आ जाएगा I“

*वीरेन्द्र परमार

जन्म स्थान:- ग्राम+पोस्ट-जयमल डुमरी, जिला:- मुजफ्फरपुर(बिहार) -843107, जन्मतिथि:-10 मार्च 1962, शिक्षा:- एम.ए. (हिंदी),बी.एड.,नेट(यूजीसी),पीएच.डी., पूर्वोत्तर भारत के सामाजिक,सांस्कृतिक, भाषिक,साहित्यिक पक्षों,राजभाषा,राष्ट्रभाषा,लोकसाहित्य आदि विषयों पर गंभीर लेखन, प्रकाशित पुस्तकें :1.अरुणाचल का लोकजीवन 2.अरुणाचल के आदिवासी और उनका लोकसाहित्य 3.हिंदी सेवी संस्था कोश 4.राजभाषा विमर्श 5.कथाकार आचार्य शिवपूजन सहाय 6.हिंदी : राजभाषा, जनभाषा,विश्वभाषा 7.पूर्वोत्तर भारत : अतुल्य भारत 8.असम : लोकजीवन और संस्कृति 9.मेघालय : लोकजीवन और संस्कृति 10.त्रिपुरा : लोकजीवन और संस्कृति 11.नागालैंड : लोकजीवन और संस्कृति 12.पूर्वोत्तर भारत की नागा और कुकी–चीन जनजातियाँ 13.उत्तर–पूर्वी भारत के आदिवासी 14.पूर्वोत्तर भारत के पर्व–त्योहार 15.पूर्वोत्तर भारत के सांस्कृतिक आयाम 16.यतो अधर्मः ततो जयः (व्यंग्य संग्रह) 17.मणिपुर : भारत का मणिमुकुट 18.उत्तर-पूर्वी भारत का लोक साहित्य 19.अरुणाचल प्रदेश : लोकजीवन और संस्कृति 20.असम : आदिवासी और लोक साहित्य 21.मिजोरम : आदिवासी और लोक साहित्य 22.पूर्वोत्तर भारत : धर्म और संस्कृति 23.पूर्वोत्तर भारत कोश (तीन खंड) 24.आदिवासी संस्कृति 25.समय होत बलवान (डायरी) 26.समय समर्थ गुरु (डायरी) 27.सिक्किम : लोकजीवन और संस्कृति 28.फूलों का देश नीदरलैंड (यात्रा संस्मरण) I मोबाइल-9868200085, ईमेल:- [email protected]