हायकू विधा = सत्रह वर्ण
सत्रह वर्ण
जापान का साहित्य
हायकू विधा ।
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तीन पंक्तियाँ
पाँच सात औ पाँच
पूरित भाव ।
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भाव बसंती
भारतीय त्रिवेणी
गंगा जमुनी ।
शुभप्रभात
मित्र अभिनन्दन
माथे चंदन ।
डमरू ज्ञान
पिरामिड त्रिवेणी
माहिया प्राण।
समयाभाव
कलियुग प्रभाव
छोड़ दुराव ।
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मधुर बोल
शब्द शब्द को तोल
छोड़ दे झोल ।
— राजकिशोर मिश्र ‘राज’ प्रतापगढ़ी