“मुक्तक”
मापनी- 212 212 212 212
चाहता हूँ निभा लूँ वफ़ा भावना
ले दिया हूँ कसम खुद खता साधना
पाँव रखने लगा हूँ भले मोड़ पर
दो कदम चल जुदा हो गया बालमा॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी
मापनी- 212 212 212 212
चाहता हूँ निभा लूँ वफ़ा भावना
ले दिया हूँ कसम खुद खता साधना
पाँव रखने लगा हूँ भले मोड़ पर
दो कदम चल जुदा हो गया बालमा॥
महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी