ट्रम्प की बेबाकी !
ट्रम्प से किसी पत्रकार ने पूछा की आप अमेरिका की बहुलतावादी संस्कृति को बिगाड़ रहे हो, अमेरिका को अनुदार बना रहे हो, राष्टीय कट्टरता पैदा कर रहे हो, मेक्सिको सीमा पर दिवार बनवा रहे हो, मुसलमानो के खिलाफ नफ़रत फैला रहे हो. ट्रम्प बोले की ठीक कह रहे हो, तुम मिडिया वाले दुनिया के सबसे बेईमान लोग हो, वाक्छल से ऐश कर रहे हो. मुझे तुम्हारे जैसे किसी मिडिया वाले, साहित्यकार, फिल्मकार या न्यायविद ने राष्ट्रपति नहीं चुना है. मुझे जनता ने चुना है, मेरा कोई हिडेन एजेंडा नहीं था, मैं वही कर रहा हु जो मैंने जनता से वादा किया था और मेरे वादे पर विश्वास करके ही जनता ने मुझे चुना. ऐसा नहीं है की मैं चुनाव के दौरान कुछ कहा था और आज कुछ कर रहा हु. मैं जनता के साथ विश्वासघात नहीं कर सकता, तुम्हारे जैसे लोगो की प्रशंसा पाने के लिए अपने वादे से मुकर नहीं सकता. सभ्यता के मृगमरीचिका में फंसकर मैं अमेरिकी हितो की अनदेखी नहीं कर सकता. मेरे लिए अमेरिका फर्स्ट है और मैं इसे सही अर्थो में अमेरिका बना के रहूंगा चाहे इसके लिए मुझे किसी भी मूल्य की बलि देनी पड़े. ट्रम्प की भाषा कुछ भी रही हो लेकिन भाव यही था.
अब ज़रा प्रधान मंत्री मोदी पर गौर कीजिये जो इस समय आत्ममुग्धता शिकार हो गए है. आज जो बिरोधी या तथाकथित प्रबुद्ध बर्ग रह रह कर उन पर तंज कास रहा है या अपमानित कर रहा है उसके लिए मोदी स्वयं जिम्मेदार है, प्रधान मंत्री बनने के बाद ए उसी को सहला रहे है जो हर वक्त इनके सीने में खंजर भोकने के लिए तत्पर है. जनता जिसे सिरे से नकार दी है प्रधान मंत्री जी उन्ही लोगो के बातो से दिग्भ्रमित हो जा रहे है. जिनको पप्पू कहने की इनमे साहस नहीं है जनता उसे कबकी पप्पू मान चुकी है. केजरीवाल लालू जनता के निगाह में एक जोकर से अधिक कुछ नहीं है. कन्हैया, गुरमेहर राष्ट्रद्रोहियो के लिस्ट में है. १५ लाख रु लोग कब के भूल के नोटबंदी की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे है. प्र म को आत्मप्रशंसा से बाहर निकालकर अपने मिसन पर कठोरता से आगे बढ़ना चाहिए. उन्हें किसी पत्रकार, साहित्यकार फिल्मकार ने नहीं चुना है, उन्हें जनता ने चुना है और इन्हें अब जनता से किये गए वादों की निभाना चाहिए. आज जो देश में बदजबानियों और कन्हैयावादीओ की एक फ़ौज तैयार हो गई है उसे तुरंत कुचलना चाहिए, इ देश के लिए चीन पकिस्तान और आतंकवादियो से भी घातक है. सारे बदज़ुबानो का जब तक शशिकला जैसा हस्र नहीं होगा, जनता इनके प्रभामंडल से भ्रमित होती रहेगी.