वन-महिमा गान
हम सब नन्हे बच्चे मिलकर वृक्ष उगाते जाएंगे
वन-महोत्सव आज मनाकर, वृक्ष की महिमा गाएंगे
वन हों ज़िंदाबाद, वन हों ज़िंदाबाद
1.वन के लाभ बहुत हैं सुन लो, वन की महिमा अपरम्पार
इसके कारण मिलते हमको, ताड़, चीड़ और देवदार
तरह-तरह की लकड़ी मिलती, घर-द्वार बनवाएंगे-
वन-महोत्सव आज मनाकर, वृक्ष की महिमा गाएंगे-
2.कुर्सी, मेज़ और अल्मारी, हम बनवाते पेड़ों से ही
गुल्ली-डंडा, हॉकी-बल्ला, हमको मिलता पेड़ों से ही
जड़ी-बूटियां मिलतीं वन से, लाख भी तो हम पाएंगे
वन-महोत्सव आज मनाकर, वृक्ष की महिमा गाएंगे-
3.तरह-तरह के वाद्य सुरीले, हम बनवाते पेड़ों से ही
तरह-तरह कीए साज-सजावट, हमको मिलती पेड़ों से ही
नवजीवन की नव बगिया को, पेड़ों से सरसाएंगे
वन-महोत्सव आज मनाकर, वृक्ष की महिमा गाएंगे-